भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 रुपये के नोट को लेकर एक नया दिशा-निर्देश (guideline) जारी किया है। सोशल मीडिया पर फैली कुछ अफवाहों के कारण कई लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई थी। चलिए, इसे सरल भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि इसका आप पर क्या असर पड़ सकता है।
अफवाहों का खंडन (RBI का स्पष्टीकरण)
सोशल मीडिया पर ये अफवाह तेजी से फैल रही थी कि पुराने 100 रुपये के नोटों को 31 मार्च 2024 तक बदलना अनिवार्य होगा। कई लोग ये सोचने लगे थे कि अगर समय पर नोट नहीं बदले, तो उनके पुराने नोट बेकार हो जाएंगे। लेकिन, RBI ने साफ तौर पर इस बात का खंडन किया है।
RBI का कहना है कि पुराने और नए दोनों ही 100 रुपये के नोट पूरी तरह से वैध हैं, और इन्हें बदलने की कोई समय सीमा नहीं है। मतलब कि आपके पास पुराने नोट हों या नए, आप दोनों का उपयोग आराम से कर सकते हैं।
नए 100 रुपये के नोट की विशेषताएं
अब अगर बात करें नए 100 रुपये के नोट की, तो ये नोट साल 2018 में जारी किया गया था और इसमें कई खास सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए हैं।
- रंग: इस नोट का मुख्य रंग लैवेंडर (हल्का बैंगनी) है।
- चित्र: नोट के आगे महात्मा गांधी की तस्वीर है, और पीछे गुजरात की विश्व धरोहर स्थल रानी की वाव का चित्र बना हुआ है।
- सुरक्षा धागा: नोट पर एक सुरक्षा धागा है जो नोट को झुकाने पर हरे से नीला हो जाता है।
- जलचिह्न: नोट पर छुपी हुई छवि और जलचिह्न जैसे अन्य सुरक्षा विशेषताएं भी दी गई हैं।
नोट बदलने की सुविधा
अगर आपके पास पुराने या खराब हो चुके 100 रुपये के नोट हैं, तो आप उन्हें किसी भी बैंक में बिना किसी शुल्क के बदल सकते हैं।
कैसे बदलें:
- अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाएं।
- एक छोटा फॉर्म भरें और पहचान प्रमाण दिखाएं।
- बैंक कर्मचारी आपके नोट की जांच करेंगे और फिर आपको नए नोट दे देंगे।
स्वच्छ नोट नीति का उद्देश्य
RBI ने स्वच्छ नोट नीति (Clean Note Policy) 1999 में शुरू की थी। इसका मुख्य मकसद है कि लोगों को साफ-सुथरे और अच्छे क्वालिटी के नोट मिलें।
क्या है ये नीति?
- सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ साफ और अच्छी हालत में रखे नोट ही लोगों को दें।
- खराब हो चुके नोटों को बैंक वापस लेते हैं और धीरे-धीरे चलन से बाहर कर देते हैं, ताकि लोगों के पास सुरक्षित और साफ नोट रहें।
100 रुपये के नोट का ऐतिहासिक महत्व
100 रुपये का नोट हमारे देश में बहुत पुराना है। इसका पहला संस्करण साल 1938 में जारी किया गया था। तब इस पर राजा जॉर्ज VI की तस्वीर होती थी। बाद में, 1969 में, महात्मा गांधी की तस्वीर को इसमें जोड़ा गया। और 2018 में इसे नए डिजाइन में लैवेंडर रंग में जारी किया गया।
खास बात: नए नोट पर रानी की वाव का चित्र है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। ये हमारे इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है।
नोटों की देखभाल के लिए सुझाव
RBI ने नोटों की देखभाल को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं, ताकि हमारे नोट लंबे समय तक अच्छी हालत में रहें।
सुझाव:
- नोटों पर कुछ न लिखें और न ही कुछ चिपकाएं।
- नोटों को मोड़ें नहीं और सिलाई भी न करें।
- इन्हें गीला न होने दें, और धूप या गर्मी से बचाएं।
- प्लास्टिक की थैली में रखने से भी बचें।
- अगर नोट फट जाएं या खराब हो जाएं, तो उन्हें जल्दी से बैंक में जाकर बदल दें।
बैंकों में सुविधाओं में सुधार
नोटों की क्वालिटी बनाए रखने के लिए RBI ने कई कदम उठाए हैं। सभी RBI कार्यालयों में हाई-स्पीड नोट प्रोसेसिंग मशीनें लगाई गई हैं। इससे नोट जल्दी और सही तरीके से जांचे जा सकते हैं। बैंकों को कहा गया है कि वे नोटों के पैकेट पर स्टेपल की बजाय बैंड का इस्तेमाल करें।
एक और सुविधा: कुछ शहरों में बैंकों की कुछ शाखाएं महीने के एक रविवार को भी खुलती हैं, ताकि लोग आराम से नोट बदल सकें।
जनता से अपील
RBI ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। पुराने और नए 100 रुपये के नोट दोनों कानूनी रूप से मान्य हैं, और इनका उपयोग बिना किसी चिंता के किया जा सकता है।
अपील:
- सिर्फ RBI की आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
- नोटों की देखभाल के दिए गए सुझावों का पालन करें, ताकि नोट लंबे समय तक चलें और साफ बने रहें।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी यह नई गाइडलाइन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें खत्म हो गई हैं और लोगों को यह समझ में आ गया है कि उनके पास मौजूद 100 रुपये के पुराने नोट पूरी तरह से वैध हैं।
अंतिम सुझाव: नोटों को संभालकर रखें और जरूरत पड़ने पर उन्हें बदलने के लिए बैंक जाएं। इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ साझा करें ताकि सभी को सही जानकारी मिले और कोई भी भ्रमित न हो।
तो अब देर किस बात की! अपने नोट्स को सुरक्षित रखें और इस नई गाइडलाइन का लाभ उठाएं।